Bhanu Chandra Goswami का जन्म 20 अगस्त 1984 को सुल्तानपुर गाँव, रांची (झारखंड) में हुआ था। उनके पिता श्री हरिश्चंद्र गोस्वामी बिहार/झारखंड सरकार में श्रम अधीक्षक थे, और उनके दादा श्री राम नवल गोस्वामी हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन, रांची में कार्यरत थे। (TV9 Bharatvarsh) परिवार में सार्वजनिक सेवा का माहौल रहा है; उनके चाचा श्री केशव चंद्र गोस्वामी एक आईपीएस अधिकारी बताए जाते हैं।
गोस्वामी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हजारीबाग, झारखंड में सरस्वती शिशु मंदिर एवं सरस्वती विद्या मंदिर से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने सेंट कोलंबस कॉलेज, हजारीबाग से स्नातक (ऑनर्स) संस्कृत की डिग्री हासिल की। स्नातक के बाद उन्होंने इलाहाबाद (प्रयागराज) और अन्य केंद्रों में जाकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की। (TV9 Bharatvarsh)
सिविल सेवा में प्रवेश
उपरोक्त प्रयास सफल रहे और उन्होंने संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (UPSC) में ऑल-इंडिया रैंक 33 प्राप्त की। वे 2009 बैच के IAS अधिकारी हैं (उत्तर प्रदेश कैडर)। उनकी परीक्षा में ऑप्शनल विषय दर्शनशास्त्र (Philosophy) और संस्कृत (Sanskrit) रहे।
करियर पथ एवं प्रमुख तैनाती
IAS अधिकारी के रूप में गोस्वामी ने यूपी में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। प्रमुख कार्यकाल इस प्रकार हैं:
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प्रशिक्षण के बाद आगरा में संयुक्त मजिस्ट्रेट (Joint Magistrate) के रूप में कार्य।
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वाराणसी में चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर (CDO) की भूमिका निभाई।
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श्रावस्ती जिले में डीएम एवं कलेक्टर (मार्च 2013 – जून 2014)।
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जौनपुर में डीएम एवं कलेक्टर (जनवरी 2015 – फरवरी 2017)। (jaunpur.nic.in)
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प्रयागराज में वाइस-चेयरमैन एवं डीएम एवं कलेक्टर (फरवरी 2019 – जून 2021)।
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जून 2021 से सितंबर 2023 तक यूपी ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण (CEO) के पद पर।
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14 सितंबर 2024 को उन्हें उत्तर प्रदेश शासन में राजस्व विभाग, राहत एवं समेकन (Consolidation) विभाग में अधी‐प्रमुख एवं विशेष सचिव के रूप में नियुक्त किया गया।
इन तैनाती-चक्रों से स्पष्ट है कि उन्होंने जिला-प्रशासन से राज्य-स्तरीय विभागीय नेतृत्व की ओर कदम बढ़ाया है।
कार्यक्षेत्र एवं उपलब्धियाँ
उनके कार्यक्षेत्र में प्रमुख रूप से ग्रामीण सड़क विकास, राहत कार्य, राजस्व और समेकन जैसे संवेदनशील विभाग शामिल रहे हैं। इनके कुछ बिंदु निम्नलिखित हैं:
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ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के CEO रहते हुए बड़े-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर एवं ग्रामीण संपर्क मार्गों के निर्माण एवं रख-रखाव का अनुभव।
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राजस्व, समेकन एवं राहत विभाग की जिम्मेदारी ले कर सरकार द्वारा भरोसा जताना कि वह संवेदनशील प्रशासनिक विभाग संभाल सकते हैं।
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बड़े जिलों (जैसे प्रयागराज, आगरा) के DM रहते हुए जन-प्रशासन, कानून-व्यवस्था एवं योजनाओं के क्रियान्वयन का अनुभव।
समाचार एवं महत्वपूर्ण घटनाएं
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सितंबर 2024 में यूपी सरकार द्वारा IAS अधिकारियों का एक बड़े पैमाने पर ट्रांसफर हुआ, जिसमें गोस्वामी को ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के CEO पद से हटाकर राजस्व व सुक्ष्म विभाग में भेजा गया। (Elets eGov)
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दिसंबर 2024 में आगरा में उनके कार्यलय निवास में भयंकर घटना घटी; DM आवास की पिछली दीवार अचानक गिर गई, जिसमें एक बच्ची की मौत हो गई और अन्य घायल हुए। (TV9 Bharatvarsh) उन्होंने बताया कि दीवार जर्जर थी और जनवरी में ही निर्माण प्रस्ताव भेजा गया था। (npg)
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उनकी तैनाती व पदोन्नति को लेकर कई समाचार स्रोतों में चर्चा रही, जो यह संकेत देते हैं कि उन्हें राज्य सरकार द्वारा आगामी बड़े प्रशासनिक जिम्मेदारियाँ दिए जाने की संभावना है। (The Hans India)
विवाद एवं चुनौतियाँ
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प्रमुख विवाद इस दीवार-गिरावट घटना से जुड़ा हुआ है। यह एक संरचनात्मक अक्षमता को उजागर करता है और ऐसे मामलों में प्रशासनिक जवाबदेही का प्रश्न उठता है। (npg)
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हालांकि सार्वजनिक स्रोतों में भ्रष्टाचार या जांच के बड़े मामले नहीं मिले हैं, परंतु राहत, राजस्व व समेकन जैसे विभागों में त्रुटि या संचालन-कमजोरीें सार्वजनिक समीक्षा के अधीन रहती हैं।
भविष्य-दृष्टि एवं महत्ता
चालीस वर्ष की आयु (2024 में) में और 2009 बैच के IAS अधिकारी के रूप में गोस्वामी ने तेजी से प्रशासनिक जिम्मेदारियाँ संभाली हैं। डीएम से राज्य-स्तरीय विभागीय पदों तक यह उनका विकास-मार्ग दिखाता है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े एवं वृहद राज्य में ऐसे अधिकारी जिनके अनुभव में जिला-प्रशासन एवं विभागीय प्रबंधन दोनों हो, उन्हें आगे आने वाले वर्षों में और भी बड़ी भूमिकाएँ मिलने की संभावना है।
प्रयास करने वाले उम्मीदवारों के लिए यह उदाहरण है कि कैसे स्नातक स्तर की पसंद-विषयवस्तु (जैसे संस्कृत) व अपेक्षाकृत युवा उम्र में ही उच्च-पद-संभालने तक पहुंच संभव है।
रोचक तथ्य
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उन्होंने UPSC में All-India Rank 33 प्राप्त किया — यह काफी श्रेष्ठ प्रदर्शन माना जाता है।
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उनकी अकादमिक पृष्ठभूमि संस्कृत ऑनर्स में है — जो सामान्य इंजीनियरिंग या वाणिज्य-पृष्ठभूमि से अलग है।
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प्रारंभिक शिक्षा झारखंड की हजारीबाग में हुई, लेकिन उनका कैडर उत्तर प्रदेश है — यह IAS कैडर प्रणाली का उदाहरण है।
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पिता श्रम अधीक्षक, दादा इंजीनियरिंग-कॉर्पोरेशन में और चाचा IPS अधिकारी — सार्वजनिक सेवा-परिवार में पले-बढ़े।
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जिला-प्रशासन के बाद राज्य-स्तरीय विभाग (राहत, राजस्व, समेकन) संभालना यह दर्शाता है कि उन्हें सिर्फ अमली प्रशासन न होकर नीति-क्रियान्वयन की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न: भानु चंद्र गोस्वामी की वर्तमान पदस्थापना क्या है?
उत्तर: सितम्बर 2024 के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश के राजस्व विभाग में विशेष सचिव, समेकन एवं राहत कमिश्नर की जिम्मेदारी दी गई है।
प्रश्न: वे किस बैच के IAS अधिकारी हैं और उनका UPSC रैंक क्या था?
उत्तर: वे 2009 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर IAS अधिकारी हैं और UPSC में ऑल-इंडिया रैंक 33 हासिल की थी।
प्रश्न: उनकी शैक्षिक योग्यता क्या है?
उत्तर: उन्होंने हजारीबाग के सेंट कोलंबस कॉलेज से संस्कृत ऑनर्स में स्नातक किया है।
प्रश्न: उन्होंने किन जिलों में DM के रूप में कार्य किया है?
उत्तर: उन्होंने श्रावस्ती, जौनपुर, प्रयागराज आदि जिलों में डीएम एवं कलेक्टर के रूप में कार्य किया है।
प्रश्न: क्या उनका किसी विवाद में नाम आया है?
उत्तर: हाँ — एक घटना में आगरा में उनके DM निवास की दीवार गिरने की वजह से एक बच्ची की मौत हुई और यह प्रशासनिक निरीक्षण-रख-रखाव के दृष्टिकोण से चर्चित हुई।

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