प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा
राजेश प्रकाश आईएएस उत्तर प्रदेश कैडर (2009 बैच) के अधिकारी हैं। उनका जन्म 10 जुलाई 1967 को हुआ बताया गया है तथा उनकी शैक्षणिक योग्यता में एलएल.बी. (LL.B) शामिल है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा और सेवा में प्रवेश से पहले का विस्तृत विवरण सार्वजनिक स्रोतों में सीमित है, लेकिन उनके बैच और कैडर की जानकारी सुनिश्चित है।
सेवा में प्रवेश एवं प्रारंभिक जिम्मेदारियाँ
प्रकाश ने 2009 बैच के रूप में आईएएस अधिकारी के रूप में सेवा शुरू की, उत्तर प्रदेश कैडर में। (Jagran) सेवा के आरंभिक वर्षों में उन्होंने विविध प्रशासनिक पद संभाले – जिसमें नोएडा अथॉरिटी (उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी), एनसीआर में अतिरिक्त कमिश्नर, फिर फीरोज़ाबाद जिले के जिलाधिकारी के रूप में कार्य करना शामिल है। (Jagran) इन भूमिकाओं से उन्हें शहरी प्रशासन तथा जिलास्तरीय शासन दोनों का अनुभव मिला।
मध्य-करियर एवं प्रमुख पद
समय के साथ राजेश प्रकाश ने प्रशासनिक पदोन्नति पाई। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मत्स्य विभाग (Fisheries Department) के महानिदेशक (Director General) के रूप में काम किया, जो राज्य में मत्स्य पालन एवं उससे जुड़े कार्यक्रमों की जिम्मेदारी है। (facebook.com)
अक्टूबर 2025 में उत्तर प्रदेश में एक बड़े प्रशासकीय फेरबदल के दौरान उन्हें विंध्याचल मंडल का आयुक्त नियुक्त किया गया। (The Times of India) यह पद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें कई जिलों का समन्वय, विकास कार्यों की निगरानी और शासन-मेकिंग की बड़ी जिम्मेदारी शामिल होती है।
ताज़ा समाचार एवं विकास
अक्टूबर 2025 में उत्तर प्रदेश सरकार ने 46 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया जिसमें राजेश प्रकाश का नाम प्रमुख था और उन्हें विंध्याचल मंडल का आयुक्त बनाया गया। (The Times of India) विभिन्न समाचार पत्रों में इस प्रशासनिक बदलाव को प्रमुखता से बताया गया है। (Jagran)
यह नियुक्ति इस बात का संकेत है कि उन्हें सरकार द्वारा भरोसा दिया गया है और वह वरिष्ठ प्रशासनिक निर्णय-प्रक्रियाओं में शामिल हैं।
विवाद
वर्तमान में, राजेश प्रकाश से जुड़ा कोई प्रमुख सार्वजनिक विवाद या जांच मीडिया में सामने नहीं आया है। इसका मतलब यह है कि उनके खिलाफ कोई बड़ा स्कैम या जांच प्रमाणीकरण के साथ सार्वजनिक रूप से उजागर नहीं हुआ है। हालांकि, यह भी ध्यान देने योग्य है कि प्रशासनिक क्षेत्र में हमेशा अघोषित आलोचनाएँ हो सकती हैं, लेकिन प्रमाणित स्रोतों के अभाव में उनका विवरण देना उचित नहीं होगा।
करियर सारांश
-
2009 बैच, उत्तर प्रदेश कैडर आईएएस अधिकारी
-
प्रारंभिक पद: नोएडा अथॉरिटी (Additional CEO), NCR में अतिरिक्त कमिश्नर, फीरोज़ाबाद जिलाधिकारी
-
मध्य करियर: उत्तर प्रदेश मत्स्य विभाग के महानिदेशक
-
अक्टूबर 2025: विंध्याचल मंडल के आयुक्त बनाए गए
-
शासन-प्रबंधन, शहरी एवं ग्रामीण दोनों डोमेन में अनुभव
नेतृत्व शैली एवं विशेष फोकस
सोशल मीडिया/लिंक्डइन पोस्टों से संकेत मिलता है कि राजेश प्रकाश फील्ड विजिट और क्रियान्वयन-निगरानी पर जोर देते हैं – जैसे बांराइच जिले के तालाब क्षेत्रों पर चर्चा करते हुए। (LinkedIn) उन्होंने शहरी (नोएडा/NCR) और ग्रामीण दोनों तरह की प्रशासनिक चुनौतियाँ देखी हैं, जो उन्हें बहुआयामी अधिकारी बनाती हैं।
क्यों उनका पद महत्वपूर्ण है
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े और जटिल राज्य में, एक मंडलायुक्त या विभागीय महानिदेशक का पद नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने की मुख्य कड़ी होता है। विंध्याचल मंडल के आयुक्त के रूप में राजेश प्रकाश कई जिलों, कई विभागों, विकास योजनाओं और संसाधनों का समन्वय करते हैं। उनका कार्य सीधे-सीधे शासन की कार्य-क्षमता से जुड़ा है।
शीर्ष रोचक तथ्य
-
वे 2009 बैच के हैं — अपेक्षाकृत कम वर्षों में उन्होंने महत्वपूर्ण पदलाभ किया।
-
उन्होंने एलएल.बी. की डिग्री ली है — यानी प्रशासन के साथ कानूनी पृष्ठभूमि भी है।
-
मत्स्य विभाग में महानिदेशक पद पर काम करना — जो कई आईएएस अधिकारियों के सामान्य ट्रैक से थोड़ा अलग है — उन्हें विविध अनुभव देता है।
-
अक्टूबर 2025 का तबादला जिसमें 46 आईएएस अधिकारी शामिल थे, उस फेरबदल में उनका नाम था — यह तथ्य उनकी नियुक्ति की अहमियत को दर्शाता है। (The Times of India)
-
उनकी प्रोफाइल अपेक्षाकृत मीडिया-प्रसिद्ध नहीं है — यानी ज्यादा चमक-दमक नहीं, पर प्रशासन में स्थिरता व अनुभव का संकेत है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
प्रश्न 1. राजेश प्रकाश किस बैच के हैं?
उत्तर – वे 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं (उत्तर प्रदेश कैडर)।
प्रश्न 2. वर्तमान में उनका पद क्या है?
उत्तर – अक्टूबर 2025 के अनुसार वे विंध्याचल मंडल के आयुक्त बने हैं। (Hindustan Times)
प्रश्न 3. उनकी शैक्षणिक योग्यता क्या है?
उत्तर – सार्वजनिक स्रोतों में बताया गया है कि उन्होंने LL.B. की डिग्री ली है।
प्रश्न 4. क्या वे किसी विवाद में थे?
उत्तर – उपलब्ध स्रोतों के अनुसार, ऐसा कोई प्रमुख सार्वजनिक विवाद या जांच सामने नहीं आई है।
प्रश्न 5. उन्होंने किस प्रकार का काम किया है?
उत्तर – उन्होंने जिला प्रशासन, शहरी/एनसीआर प्राधिकरण, विभागीय महानिदेशक और मंडलायुक्त जैसे पदों पर काम किया है।
प्रश्न 6. उनका नियुक्ति क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर – मंडलायुक्त का पद राज्यों में नीति-कार्यान्वयन, विभागीय समन्वय और जिलास्तरीय प्रशासन में महत्वपूर्ण कड़ी होता है। उनकी नियुक्ति इस जिम्मेदारी की ओर संकेत करती है।

Comments
Post a Comment